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द्रुपद-दुहिता कृष्णा के दृष्टिकोण से महाभारत कथा का सिंहावलोकन करता हुआ एक लघु-उपन्यास, जो अत्यन्त मधुर व लालित्यपूर्ण परिष्कृत हिन्दी में रचित है। परमादरणीय श्री सीताराम जी का यह रूप भी दर्शनीय है। सुधीजनों इसे पढ़कर अवश्य आह्लादित होंगे।