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गोमान्त (गोवा) में पुर्तगाली-शासन की क्रूरता पर संक्षिप्त ऐतिहासिक उपन्यास जो पूज्य श्री सावरकर द्वारा अण्डमान कारागर में रचित मूल मराठी काव्य का हिन्दी गद्य रूपान्तरण है।
भाषाई लालित्य, ऐतिहासिक कथ्य, दार्शनिक माणिक्य इत्यादि तत्त्वों के समागम से यह ग्रन्थ अत्यन्त पठनीय बन पड़ा है।
पुस्तक में सन्त निनामी बाबा के चरित्र में पाठकों को हमारे प्यारे ‘महात्मा' का स्पष्ट रूपक देखने को मिलेगा, जो न केवल बेहद रोचक अपितु प्रासङ्गिक भी है।