डॉन को मारकर डॉन बनने की ज़िद पाले तीन लड़के मीडिया की भीड़ में नक़ली पत्रकार बनकर शामिल हो गए। टीवी पर लाइव टेलीकास्ट चल रहा था, देश ख़बरें देख रहा था कि तभी इन शूटर्स ने पुलिस कस्टडी में बाबर और उसके भाई तैमूर की कनपटी छलनी कर डाली।
किसके इशारे पर हुआ यह क़त्ल ? किसने किया इन लड़कों की ज़िद का इस्तेमाल ? किसने रची यह साज़िश? और सबसे बड़ी बात ये कि कौन था यह डॉन जिसका हुआ लाइव मर्डर ?
प्रयागराज के कसारी मसारी में रहने वाले ख़ूँखार डॉन बाबर क़ुरैशी के नाम सैकड़ों मर्डर और मुक़दमे दर्ज थे। वो क़त्ल के कारोबार में मौत से मुनाफ़ा कमाता था। पर ये गुनाह उसे सज़ा नहीं दिला सके। कभी गवाह बिक गए, कभी दिनदहाड़े मार दिए गए और कभी कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया। पुलिस उसके नाम से थर्राती थी और सरकारें उसकी तहमत में बंँधी रहतीं। पूरा उत्तर प्रदेश उसके इशारों पर नाचता था। पर फिर आई एक ऐसी सरकार, एक ऐसा मुख्यमन्त्री जिसने बाबर क़ुरैशी को सलाखों के पीछे धकेल दिया। इसी वक़्त बाबर ऐसी ग़लती कर बैठा जिसने आख़िरकार उसे मिट्टी में मिला दिया।
सच्ची घटनाओं पर आधारित, मनोज राजन त्रिपाठी का उपन्यास कसारी मसारी उत्तर प्रदेश में माफ़िया और राजनीतिक गलियारों में खेले जाने वाले शह और मात के खेल की कहानी है।
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